
नई दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को असम के लोगों को असम दिवस के मौके पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तहत पिछले नौ वर्षों में राज्य में शांति और स्थिरता आई है और इसे विकास और शिक्षा का एक बढ़ता हुआ केंद्र बना दिया है। उन्होंने आने वाले वर्षों में इस विकास को जारी रखने के लिए सरकार के वादे को दोहराया। अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर कहा, “असम के हमारे बहनों और भाइयों को असम दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं। यह मौका अहोम युग की शान को याद करता है और असम की समृद्ध संस्कृति की रक्षा करने के हमारे वादे को मजबूत करता है, जिस पर हर भारतीय को बहुत गर्व है।” उन्होंने कहा, “पिछले 9 वर्षों में मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने शांति का दौर शुरू किया है, असम को विकास और पढ़ाई का हब बनाया है और इस कार्यक्रम को बिना रुके जारी रखने का पक्का इरादा किया है। यह दिन हमारी एकता के बंधन को और मजबूत करे और हमारी संस्कृति के साथ हमारा जुड़ाव और गहरा करे।” असम दिवस, जो हर साल 2 दिसंबर को मनाया जाता है, असम में एक क्षेत्रीय सार्वजनिक अवकाश है। यह दिन अहोम किंगडम के फाउंडर और पहले राजा चाओलुंग सुकाफा के आने की याद में मनाया जाता है। आज असम में 30 मिलियन से ज्यादा लोग रहते हैं और असम दिवस इसकी संस्कृति और ऐतिहासिक जड़ों की एक अहम याद दिलाता है। सुकाफा ने छह सदियों तक शासन किया और उन्हें असम के इतिहास के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक माना जाता है। उनके शासन में अहोम राजवंश ने न केवल मुगल साम्राज्य जैसी बड़ी ताकतों का विरोध किया, बल्कि एक एकीकृत प्रशासनिक और सांस्कृतिक पहचान की नींव भी रखी। असम के आदिवासी समुदायों के प्रति उनके सम्मानपूर्ण रवैये ने उन्हें तारीफ दिलाई, जिससे उन्हें एक मजबूत और सबको साथ लेकर चलने वाला राज्य बनाने में मदद मिली। असम दिवस समारोह राज्य की जीवंत विरासत को दिखाते हैं। दिन की शुरुआत पारंपरिक संगीत और बगुरुम्बा, बिहू और भोरताल जैसे देसी डांस से होती है। सुकाफा के योगदान का सम्मान करने और असम की एकता और विविधता का जश्न मनाने के लिए पूरे राज्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम, पुरस्कार समारोह और बड़े जुलूस आयोजित किए जाते हैं।
