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पहलगाम में जान गंवाने वाले कानपुर के शुभम द्विवेदी के परिजनों से मिले पीएम मोदी

May 31, 2025

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के दौरे के दौरान शुक्रवार को पहलगाम में आतंकी हमले में जान गंवाने वाले कानपुर के शुभम द्विवेदी के परिजनों से चकेरी एयरपोर्ट पर मुलाकात की। इस दौरान शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी, मां सीमा द्विवेदी और पत्नी ऐशन्या मौजूद थीं। इस मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई हैं। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी शुभम द्विवेदी के परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं। उन्होंने शुभम के पिता के कंधे पर हाथ रखकर ढाढंस भी बंधवाया। इस मुलाकात को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पहलगाम के कायराना आतंकी हमले में जान गंवाने वाले हमारे कानपुर के बेटे शुभम द्विवेदी के परिजनों से आज (शुक्रवार को) मुलाकात हुई। उन्होंने आतंक के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए हमारी पराक्रमी सेना का आभार जताया। उनका यह जज्बा देशवासियों को प्रेरित करने वाला है।” इससे पहले शुभम की पत्नी ऐशन्या ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पीएम घटना से काफी दुखी थे। उन्होंने कहा कि “पूरा देश आपके साथ खड़ा है।” उन्होंने हमारी पूरी बात ध्यान से सुनी। पीएम पूरी घटना से काफी दुखी थे। पीएम ने हमसे मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वह और पूरा देश हमारे परिवार के साथ हैं। इस घटना से पीएम मोदी उतने ही दुखी हैं जितने कि हम। इससे पहले पीएम मोदी ने कानपुर में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पहलगाम के कायराना हमले में हमारे कानपुर के बेटे शुभम द्विवेदी भी बर्बरता का शिकार हुए। बेटी ऐशान्या की वह पीड़ा, वह कष्ट और भीतर का आक्रोश हम सब महसूस कर सकते हैं। हमारी बहनों-बेटियों का वही आक्रोश ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के रूप में पूरी दुनिया ने देखा है। हमने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकाने, घर में घुसकर, सैंकड़ों मील अंदर जाकर तबाह कर दिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का सरकारी और गैर-सरकारी तत्त्वों का खेल अब चलने वाला नहीं है। अगर मैं सीधे-सीधे कानपुरिया में कहूं तो दुश्मन कहीं भी हो, होंक दिया जाएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में दुनिया ने भारत के स्वदेशी हथियारों और ‘मेक इन इंडिया’ की ताकत देखी है। हमारे भारतीय हथियारों ने और ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मन के घर में घुसकर तबाही मचाई है। जहां टारगेट तय किया, वहां धमाके किए। यह ताकत हमें ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प से मिली है।