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NIRBHIK SACH KE SATH SACH KI BAAT

अचानक बढ़ जाता है ब्लड प्रेशर, आयुर्वेद में लिखे हैं ‘साइलेंट किलर’ से बचने के उपाय

Oct 11, 2025

नई दिल्ली, आजकल की जीवनशैली और खानपान ने मानव शरीर को कई रोगों से ग्रस्त कर दिया है। छोटी उम्र में ही बड़ी उम्र की बीमारियां होने लगी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट की मानें तो आज के समय में उच्च रक्तचाप की समस्या से देश के 30 फीसदी युवा जूझ रहे हैं। कुछ लोग उच्च रक्तचाप को बीमारी ही नहीं मानते और कुछ लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी ही नहीं है कि कैसे ये “साइलेंट किलर” की तरह शरीर को अंदर से खोखला कर देता है। आयुर्वेद में उच्च रक्तचाप को वात दोष का असंतुलन माना गया है। शरीर में जब वात दोष ज्यादा बढ़ने लगता है तो उच्च रक्तचाप की समस्या धीरे-धीरे बनने लगती है। इसमें बैचेनी होना, घबराहट होना, और सिर में दर्द होना जैसे लक्षण दिखते हैं, लेकिन इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें, क्योंकि ये पूरे शरीर को प्रभावित करते हैं। उच्च रक्तचाप में ब्रेन हेमरेज, किडनी फेलियर, आंखों की रोशनी चली जाना, नाक से लगातार खून बहना और हार्ट अटैक तक आ सकता है। ऐसे में रक्तचाप का सामान्य होना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के कई उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से काफी हद तक इसपर नियंत्रण पाया जा सकता है। लौकी और तुलसी का जूस इस स्थिति को नियंत्रित करता है। आधा कप लौकी का जूस और उसमें पांच तुलसी की पत्तियां मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करना चाहिए। इसका सेवन कफ और वात दोष को नियंत्रित करता है और दिल और पेट दोनों को ठंडक देता है। सर्पगंधा की जड़ उच्च रक्तचाप में फायदेमंद होती है। इसके लिए रात में सर्पगंधा की जड़ को भिगोकर रख दें और सुबह उबालकर पी लें। चाहें तो आप बाजार में उपलब्ध चूर्ण का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। ये उच्च रक्तचाप के बढ़ने की गति को नियंत्रित करता है। आंवला और शहद का सेवन भी फायदा देगा। ये दोनों शरीर की रोग प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। रोज सुबह एक चम्मच आंवले का चूर्ण शहद के साथ खाना चाहिए। ये आपके दिल को ठीक करने का काम करेगा। इसके अलावा शोधन क्रिया भी कर सकते हैं, जो पूरे शरीर की गंदगी को बाहर निकालने का काम करेगी और कई रोगों से बचाएगी। उच्च रक्तचाप की समस्या में ज्यादा तनाव लेने से बचें। साथ ही सिगरेट, शराब और कैफीन का सेवन न करें। इसमें नींद का पूरा होना भी जरूरी है।