• Sun. Oct 19th, 2025

MKN NEWS

NIRBHIK SACH KE SATH SACH KI BAAT

नैनीताल की कैंडल्स : दीपावली में सांस्कृतिक विरासत और कारीगरी की चमक

Oct 19, 2025

नैनीताल, उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और झीलों के लिए ही नहीं, बल्कि पारंपरिक कैंडल मेकिंग कला के लिए भी प्रसिद्ध है। दीपावली के इस मौके पर नैनीताल के बाजार रंग-बिरंगी, हस्तनिर्मित मोमबत्तियों से सजे हैं, जो स्थानीय कारीगरी और सांस्कृतिक विरासत का अनूठा संगम पेश कर रहे हैं। बड़ा बाजार में स्थित ‘महरोत्रा हाउस ऑफ वैक्स’ की कैंडल्स पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच खास आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। करीब 50 साल पुरानी इस दुकान की मालिक वर्षा महरोत्रा बताती हैं कि हर साल दीपावली पर वे नई थीम और डिजाइनों की कैंडल्स लॉन्च करती हैं, जो ग्राहकों को लुभाती हैं। इस बार ‘ऐपण कैंडल्स’ और ‘मिठाई कैंडल्स’ सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। ऐपण कैंडल्स पर उत्तराखंड की पारंपरिक लोक कला ‘ऐपण’ की बारीक नक्काशी की गई है, जो प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाती है। वहीं, मिठाई कैंडल्स लड्डू, बर्फी और गुलाब जामुन जैसे आकारों में बनाई गई हैं, जो इतनी वास्तविक लगती हैं कि लोग इन्हें देखकर चकित रह जाते हैं। वर्षा बताती हैं कि उनकी हर कैंडल पूरी तरह हस्तनिर्मित है, जिसमें स्थानीय कारीगरों की मेहनत और रचनात्मकता झलकती है। अरोमा कैंडल्स, फ्लोटिंग कैंडल्स, थीम कैंडल्स और गिफ्ट हैंपर की मांग इस समय बहुत ज्यादा है। कीमत के लिहाज से कैंडल्स 200 रुपए से शुरू होकर डिजाइन और आकार के आधार पर महंगी होती हैं, जबकि गिफ्ट हैंपर 400 से 500 रुपए में उपलब्ध हैं। हालांकि, ऑनलाइन शॉपिंग और मशीन-मेड कैंडल्स के चलते यह पारंपरिक कला कुछ प्रभावित हुई है, लेकिन पर्यटकों की रुचि और कारीगरों की मेहनत इसे जीवित रखे हुए है। गुजरात के सूरत से आई पर्यटक बलवर ध्रुवा ने कहा, “नैनीताल की वादियां और कैंडल्स दोनों अनोखी हैं। मैं इन्हें सूरत ले जाकर दोस्तों को गिफ्ट करूंगी।” उनके मित्र बलवर घनश्याम ने भी कैंडल्स की अनूठी डिजाइनों की तारीफ की और कहा कि ऐसी रचनात्मकता कहीं और देखने को नहीं मिलती। स्थानीय रंगकर्मी किशन लाल ने बताया, “नैनीताल की कैंडल्स देश-विदेश में मशहूर हैं। नए डिजाइनों ने पर्यटकों को और आकर्षित किया है, जिससे कारोबार बढ़ रहा है।” व्यवसायी इमरान ने बताया, “वैक्स को पिघलाकर सेब, फ्रूट बास्केट, मिठाई, और पाल नौकाओं जैसे डिजाइनों में ढाला जाता है। ये कैंडल्स नैनीताल की पहचान हैं। पर्यटक इन्हें स्मृति चिह्न के रूप में खरीदते हैं और अपनों को भेंट करते हैं।” नैनीताल की ये कैंडल्स न केवल दीपावली की रौनक बढ़ा रही हैं, बल्कि स्थानीय कारीगरी और सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहचान दिला रही हैं। यह कला न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्थानीय कारीगरों के लिए आजीविका का स्रोत भी बनी हुई है।