
प्रसिद्ध विज्ञापन निर्माता पीयूष पांडे का शुक्रवार को 70 साल की उम्र में निधन हो गया है. भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज पीयूष पांडे के निधन को लेकर पीएम मोदी सहित कई हस्तियों ने दुख जताया I दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई के बाद उन्होंने विज्ञापन की दुनिया में नाम कमाया। उनके बनाए विज्ञापन और टैगलाइन, जैसे ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’, आज भी लोकप्रिय हैं। उनके निधन पर कई लोगों ने शोक व्यक्त किया, उन्हें एक दूरदर्शी रचनाकार बताया गया। उन्होंने ओगिल्वी इंडिया और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के साथ भी काम किया। विज्ञापन जगत के दिग्गज पद्मश्री पीयूष पांडे फेविकोल को एक इमोशन बनाया, चाॅकलेट से खुशियों की मिठास घोली और हर दीवार को बोलना सिखाया। अब वे हमारे बीच नहीं रहे।
दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस काॅलेज से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मुंबई का रुख किया और विज्ञापन के क्षेत्र में कदम रखा। एडमैन ऑफ इंडिया के तौर पर अपनी पहचान बनाई। उनके विज्ञापनों ने लोगों को दिल को ऐसे छुआ कि ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’, ‘हमारा बजाज’, ‘ये फेविकोल का मजबूत जोड़ है टूटेगा नहीं’ जैसे टैगलाइन आज भी जुबां पर हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय से निकलकर रचनात्मकता के बूते अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहचान बनाई। ‘अबकी बार मोदी सरकार’ से लेकर ‘दो बूंद जिंदगी की’, ‘हमारा बजाज’, ‘फेविकोल’, ‘कैडबरी’ और ‘एशियन पेंट्स’ जैसे ब्रांड्स को नई पहचान देने वाले पीयूष पांडे के निधन के बाद इंटरनेट मीडिया पर श्रद्धांजलि संदेश प्रसारित होते रहे।
रणजी में बतौर विकेटकीपर-बल्लेबाज खेले थे पांच मैच
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ट्वीट कर लिखा पीयूष पांडे के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ, वे एक दूरदर्शी रचनाकार और कहानीकार थे जिन्होंने भारतीय विज्ञापन को उसकी स्थायी आवाज दी। रणजी ट्राफी क्रिकेटर के तौर पर करियर की शुरुआत करने वाले पीयूष पांडे ने 1977-78 और 1978-79 में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज पांच मैच खेले।
वह एशियन पेंट्स के “हर खुशी में रंग लाए”, कैडबरी के “कुछ खास है” और फेविकोल की प्रतिष्ठित “एग” फिल्म जैसे प्रतिष्ठित विज्ञापन अभियानों के जनक हैं। फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने अपने विज्ञापन अंदाज में पांडे को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। मेहता ने लिखा कि फेविकोल का जोड़ टूट गया। विज्ञापन जगत ने आज अपना गोंद खो दिया।
मिले सुर मेरा तुम्हारा…
पीयूष पांडे विज्ञापन की दुनिया के जाने माने दिग्गज थे। उनके कई कैंपेन बेहद चर्चित रहे, जिसने घर-घर में ब्रांड्स की पहचान बना दी। लंबे समय तक भारत की विविधता में एकता दिखाने वाले गीत ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ के लेखक भी थे। उन्होंने फेविकोल, हच (वोडाफोन) जैसी कंपनियों के लिए भी कई सफल ऐड कैंपेन को भी लीड किया था।
अबकी बार मोदी सरकार
पीयूष पांडे पीएम नरेंद्र मोदी के प्रचार अभियान का भी हिस्सा रहे। अबकी बार मोदी सरकार का नारा भी उन्होंने ही दिया था। जो काफी चर्चा में रहा।
पीयूष पांडे जी एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, विज्ञापन और लोकप्रिय संस्कृति में ऐतिहासिक योगदान दिया। वर्षों तक हमारे बीच हुई बातों को मैं स्नेहपूर्वक याद रखूंगा। उनके निधन से दुखी हूं।’ नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
पीयूष पांडे जी की विरासत जीवित रहेगी! क्रिएटिविटी का जोड़ है… टूटेगा नहीं!’ ‘हर घर कुछ कहता है’ से लेकर ‘दो बूंद जिंदगी की’ तक, उन्होंने ब्रांड बनाए और जिंदगियों को छुआ।’ अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस विज्ञापन दिग्गज के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने X पर लिखा, “पद्मश्री पीयूष पांडे के निधन पर दुःख व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। विज्ञापन जगत में एक अभूतपूर्व व्यक्तित्व, उनकी रचनात्मक प्रतिभा ने कहानी कहने की कला को नई परिभाषा दी और हमें अविस्मरणीय और कालातीत कहानियां दीं। मेरे लिए, वे एक ऐसे मित्र थे जिनकी प्रतिभा उनकी प्रामाणिकता, गर्मजोशी और बुद्धिमता से झलकती थी। मैं हमारी आकर्षक बातचीत को हमेशा संजोकर रखूंगा। वे अपने पीछे एक गहरा शून्य छोड़ गए हैं जिसे भरना मुश्किल होगा। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।”
2012 में पद्मश्री से सम्मानित
बता दें कि 2004 में पीयूष पांडे ने कान्स लायंस इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ क्रिएटिविटी में जूरी अध्यक्ष के रूप में कार्य करने वाले पहले एशियाई के रूप में इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। उनके अग्रणी योगदान को बाद में 2012 में क्लियो लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित किया गया, जिससे वे राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने वाले भारतीय विज्ञापन जगत के पहले व्यक्ति बन गए।
WWF-इंडिया के लिए बनाया था विज्ञापन लोधी रोड़ स्थित डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के लिए प्रजाति संरक्षण पर एक विज्ञापन बनाया था। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के सेक्रेटरी जनरल व सीईओ रवि सिंह ने इंटरनेट मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि हम दिग्गज विज्ञापन निर्माता और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के प्रिय मित्र पीयूष पांडे के निधन पर शोक जताते हैं।वे व्यक्तिगत रूप से हमारे काम के समर्थक थे, और स्थिरता और वन्यजीवों से जुड़े मुद्दों में गहरी रुचि रखते थे।
