
कोलकाता/जयपुर, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने मंगलवार को कोलकाता में प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रवासी राजस्थानियों की उपलब्धियां युवाओं और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अपनी मातृभूमि से दूर रहने के बावजूद, उन्होंने राजस्थान की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित रखा है। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार दुनिया भर में रहने वाले राजस्थानियों की ‘कर्मभूमि’ और ‘जन्मभूमि’ के बीच भावनात्मक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए 10 दिसंबर, 2025 को जयपुर में प्रवासी राजस्थानी दिवस का आयोजन करेगी। उन्होंने सभी प्रवासी राजस्थानियों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि यह दिन प्रवासी राजस्थानियों की उपलब्धियों का जश्न मनाने और अपनी मातृभूमि के साथ उनके जुड़ाव को गहरा करने का एक मंच प्रदान करेगा। सीएम भजन लाल ने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों ने पीढ़ियों से राजस्थान की संस्कृति को संजोए रखते हुए पश्चिम बंगाल के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी उपलब्धियां राजस्थान के युवाओं को प्रेरित करती रहती हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान फाउंडेशन (आरएफ) वर्तमान में विभिन्न राज्यों और देशों में 26 शाखाओं का संचालन कर रहा है ताकि वैश्विक राजस्थानी प्रवासियों को राज्य से जोड़ा जा सके। मुख्यमंत्री ने राजस्थान की आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य ने एक गतिशील, निवेशक-अनुकूल वातावरण बनाया है जो उद्योग, व्यापार और बुनियादी ढांचे में वृद्धि को गति दे रहा है। उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों से शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश करने और राज्य की विकास यात्रा में भागीदार बनने का आग्रह किया। शर्मा ने कहा कि राजस्थान देश के अग्रणी कपड़ा केंद्र के रूप में उभरा है, जहां 1,500 से अधिक कारखाने कार्यरत हैं। राज्य पॉलिएस्टर विस्कोस यार्न, कपास और ऊन का सबसे बड़ा उत्पादक है और कपास उत्पादन में चौथे स्थान पर है। उन्होंने आगे कहा कि नई वस्त्र एवं परिधान नीति नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान लगभग 85 खनिजों का भी घर है, जो इसे देश में जस्ता, सीसा, चांदी, संगमरमर और बलुआ पत्थर का अग्रणी उत्पादक बनाते हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य में एचपीसीएल रिफाइनरी जल्द ही चालू हो जाएगी और डाउनस्ट्रीम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान पेट्रो जोन विकसित किया जा रहा है, जिससे राज्य भारत का उभरता हुआ हाइड्रोकार्बन और पेट्रोकेमिकल केंद्र बन जाएगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान 34,555 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है, और हाल ही में 17 गीगावाट क्षमता की नवीकरणीय परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटित की गई है। उन्होंने कहा कि पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तंभ बना हुआ है। पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिए जाने के साथ, 2024 में लगभग 2.3 करोड़ पर्यटकों के राजस्थान आने की उम्मीद है। शर्मा ने कहा कि पर्यटन परियोजनाओं के लिए न्यूनतम निवेश आवश्यकता 100 करोड़ रुपए से घटाकर 50 करोड़ रुपए कर दी गई है। खाटू श्यामजी, नाथद्वारा, पुष्कर, सालासर बालाजी, रणकपुर और माउंट आबू जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ने वाला एक धार्मिक पर्यटन सर्किट विकसित किया जा रहा है। पिछले साल दिसंबर में आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 35 लाख करोड़ रुपए के निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और 7 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान ने 22 नई औद्योगिक नीतियां पेश की हैं और विकसित राजस्थान 2047 विजन के तहत सेमीकंडक्टर, अंतरिक्ष और एयरो डिफेंस, ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर और व्यापार संवर्धन नीतियों सहित 12 और नीतियां प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर समाज सेवा में योगदान के लिए प्रवासी राजस्थानियों (एनआरआरएस) को सम्मानित किया और राजस्थान फाउंडेशन की एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। इस कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा, प्रमुख सचिव (उद्योग) आलोक गुप्ता, सीआईआई पूर्वी क्षेत्र के अध्यक्ष शाश्वत गोयनका, राजस्थान फाउंडेशन कोलकाता चैप्टर के अध्यक्ष संतोष कुमार पुरोहित और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
