
लीमा: भारत ने पेरू में डिहाइड्रेशन से जूझ रहे मरीजों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत ने मरीजों के इलाज के लिए पेरू को 250,000 से ज्यादा सलाइन बोतलें दी हैं। भारत ने दक्षिण अमेरिकी देश के लिए एक भरोसेमंद साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। पेरू में भारतीय राजदूत विश्वास सपकाल ने शुक्रवार को पेरू के स्वास्थ्य मंत्रालय को खेप सौंपी। पेरू के कई सीनियर अधिकारियों ने भारत सरकार की ओर से किए गए मदद की सराहना की। इन वरिष्ठ अधिकारियों में स्वास्थ्य मंत्रालय में इंटरनेशनल कोऑपरेशन के डायरेक्टर जनरल अल्बर्टो तेजादा कॉनरॉय, नेशनल सेंटर फॉर द सप्लाई ऑफ स्ट्रेटेजिक हेल्थ रिसोर्सेज (सीईएनएआरईएस) के जॉइंट डायरेक्टर एरिक वास्केज काल्डेरोन और विदेश मंत्रालय के डायरेक्टर एबेल कार्डेनस शामिल हैं। भारत ने अपने ग्लोबल साउथ साझेदारों के साथ एकता दिखाते हुए पेरू को 32 टन मानवीय मदद भेजी, जिसमें 250,000 यूनिट फिजियोलॉजिकल सेलाइन सॉल्यूशन शामिल है। इसे लेकर विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “ग्लोबल साउथ साझेदारों के तौर पर एक-दूसरे का ख्याल रखते हुए, भारत ने पेरू को 32 टन मानवीय मदद भेजी है। फिजियोलॉजिकल सेलाइन सॉल्यूशन की 250,000 यूनिट की एक खेप पेरू में डिहाइड्रेशन से परेशान मरीजों की मदद करेगी।” भारत-पेरू का संबंध पारंपरिक रूप से अच्छा रहा है। दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य और फार्मा, एनर्जी और माइंस, टेक्सटाइल और कृषि, विज्ञान और तकनीक, रक्षा और अंतरिक्ष, कैपेसिटी बिल्डिंग, लोगों के बीच संपर्क और कल्चर जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग जारी है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत और पेरू कई अन्य क्षेत्रों में भी मिलकर काम कर रहे हैं। 2023 में, भारत ने गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के बढ़ते मामलों को देखते हुए पेरू के स्वास्थ्य मंत्रालय को मानव इम्युनोग्लोबुलिन की 1000 वायल सौंपीं। भारत ने अपने ग्लोबल साउथ साझेदारों को रेगुलर तौर पर मानवीय मदद पहुंचाई है। पिछले महीने, भारत ने तिमोर-लेस्ते को रेबीज वैक्सीन की 10,000 डोज और रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन की 2,000 वायल की एक खेप भेजी थी। विदेश मंत्रालय ने ग्लोबल साउथ के लिए एक भरोसेमंद स्वास्थ्य साझेदार और भरोसेमंद ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ बनने के लिए भारत की प्रतिबद्धता जताई। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “भारत ने रेबीज वैक्सीन की 10,000 डोज और रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन की 2,000 वायल की एक खेप तिमोर-लेस्ते भेजी है, ताकि बीमारी के फैलने से निपटने में मदद मिल सके। भारत ग्लोबल साउथ के लिए एक भरोसेमंद स्वास्थ्य साझेदार और भरोसेमंद फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनने के लिए प्रतिबद्ध है।”
