• Mon. Oct 6th, 2025

MKN NEWS

NIRBHIK SACH KE SATH SACH KI BAAT

इजरायल-ईरान में संघर्ष से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी

Jun 13, 2025

नई दिल्ली, ईरान के परमाणु संयंत्रों और मिसाइल फैक्ट्रियों पर इजरायल के हमले के बाद मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 9 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई । बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 6 डॉलर से अधिक बढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल के पांच महीने के उच्चतम स्तर को पार कर गई। कार्रवाई के बाद इजरायल ने ईरान से जवाबी कार्रवाई की आशंका के चलते इमरजेंसी घोषित कर दी है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि इससे बड़े पैमाने पर संघर्ष हो सकता है, हालांकि अमेरिका ने इजरायली हमलों में किसी भी तरह से शामिल होने से इनकार किया है। इजरायल ने यह कार्रवाई अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते पर बातचीत में आई खटास के बाद की है। इस संघर्ष से दुनिया की तेल आपूर्ति पर दबाव पड़ने की संभावना है। एमके ग्लोबल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान प्रतिदिन लगभग 3.3 मिलियन बैरल (एमबीपीडी) कच्चे तेल का उत्पादन करता है (वैश्विक उत्पादन का करीब 3 प्रतिशत) और लगभग 1.5 एमबीपीडी निर्यात करता है, जिसमें मुख्य आयातक चीन (80 प्रतिशत) और तुर्की है। ईरान होर्मुज स्ट्रेट के उत्तरी किनारे पर भी है, जिसके माध्यम से दुनिया में 20 एमबीपीडी+ कच्चे तेल का व्यापार होता है। होर्मुज स्ट्रेट मध्य-पूर्व में एक चोक प्वांइट है। इस मार्ग से सऊदी अरब और यूएई आदि भी शिपिंग करते हैं और पहले भी ईरान ने इसे बंद करने की चेतावनी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका-चीन व्यापार संघर्ष के कारण चीन ने कभी ईरान पर पश्चिमी प्रतिबंधों का पालन नहीं किया और पहले की तरह खरीद जारी रखी, हालांकि पिछले कुछ महीनों में यह बताया गया कि उन्होंने खपत कम कर दी है। हालांकि, भारत कोई ईरानी तेल आयात नहीं करता है। रिपोर्ट में बताया गया कि पहले भी जब इजरायल ने ईरान पर हमला किया था और ईरान ने जवाबी कार्रवाई की थी और दोनों ने सफलता का दावा किया था और बड़े नुकसान से इनकार किया था, तो तनाव कम हो गया था। हालांकि, इस मामले में अधिक विवरण की प्रतीक्षा है और निकट भविष्य में तेल बाजार अत्यधिक अस्थिर होगा।