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साल 2025 के आखिरी सूर्य ग्रहण पर बन रहा खास योग, जानें समय, प्रभाव और बचाव के आसान उपाय

Sep 21, 2025
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नई दिल्ली, 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण रविवार यानी 21 सितंबर की रात 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन तड़के 3 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। खास बात यह है कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर के दक्षिणी हिस्सों में देखा जा सकेगा। ग्रहण कन्या राशि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा, जिसमें सूर्य, चंद्र, और बुध तीनों एक ही राशि में होंगे। इस स्थिति को ज्योतिष में बुधादित्य योग कहा जाता है। यह साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण है, जो पितृपक्ष के समापन के साथ लग रहा है। बता दें कि पितृपक्ष की शुरुआत 7 सितंबर को लगे चंद्र ग्रहण से हुई थी। भारतीय धर्मशास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल लगता है, जिसके दौरान शुभ कार्य, यात्रा और नई चीजों की खरीदारी टालने की सलाह दी जाती है। लेकिन, इस बार भारत में ग्रहण दिखाई न देने की वजह से सूतक काल लागू नहीं होगा। लेकिन, ग्रहण के प्रभाव को लेकर धार्मिक आस्था और ज्योतिष के अनुसार सावधानी बरतना उचित माना जाता है। ग्रहण काल में नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय होती है, इसलिए शास्त्रों में इस दौरान विशेष उपाय करने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के दौरान भोजन करना वर्जित होता है और पानी में तुलसी के पत्ते डालकर पीना चाहिए ताकि ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचा जा सके। साथ ही गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से नकारात्मक प्रभाव कम होता है। ग्रहण के बाद पवित्र नदियों में स्नान करना और गरीबों को दान करना लाभकारी माना जाता है। घर में गंगाजल छिड़कना वातावरण को पवित्र बनाता है और ग्रहण के बाद होने वाले दोषों से मुक्ति दिलाता है। इसके अलावा, ग्रहण के दौरान सोने से बचना चाहिए और मंत्र जाप करना चाहिए, जिससे मन और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।