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समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान

Sep 25, 2025
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लखनऊ, 25 सितंबर। समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान के तहत समस्त 75 जनपदों में जारी सक्रिय संवाद के तहत गुरुवार तक लगभग 7 लाख प्रदेशवासियों ने अपने सुझाव साझा किए हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 5.5 लाख तो वहीं नगरीय क्षेत्रों से लगभग 1.5 लाख प्रदेशवासी जुड़ चुके हैं। सर्वाधिक 3.60 लाख सुझाव 31-60 आयु वर्ग के लोगों द्वारा दिए गए हैं, जबकि लगभग 2.90 लाख सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों ने दिए हैं। यही नहीं करीब 50 हजार सुझाव सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से प्राप्त हुए है। उल्लेखनीय है कि अभियान के तहत सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों द्वारा भ्रमण कर विभिन्न लक्षित समूहों-छात्र, शिक्षक, व्यवसायी, उद्यमी, कृषक, स्वयं सेवी संगठन, श्रमिक संघठनों, मीडिया एवं आम जनमानस के साथ विगत 8 वर्षों से प्रदेश की विकास यात्रा के संबंध में जानकारी दी जा रही है तथा विकास हेतु रोड मैप पर चर्चा कर फीडबैक प्राप्त किया जा रहा है।

शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि समेत कई सेक्टर में मिले सुझाव
आम जनमानस द्वारा अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है। सर्वाधिक सुझाव शिक्षा क्षेत्र, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र, स्वास्थ्य क्षेत्र, समाज कल्याण, कृषि क्षेत्र, आईटी & टेक, इंडस्ट्री तथा सुरक्षा से सम्बंधित विषयों पर प्राप्त हुए हैं। जनपद महाराजगंज से लगभग 64 हजार फीडबैक के साथ प्रथम, लगभग 32 हजार फीडबैक के साथ कानपुर देहात द्वितीय और करीब 30 हजार फीडबैक के साथ संभल तृतीय स्थान पर है। इसके अतिरिक्त प्रयागराज, फिरोजाबाद, कानपुर नगर, गोरखपुर, सहारनपुर, शामली, एटा, मेरठ, फर्रुखाबाद, मैनपुरी आदि जनपदों से 5 लाख से ज्यादा फीडबैक प्राप्त हुए हैं।

प्राप्त हुए ये महत्वपूर्ण सुझाव

मुजफ्फरनगर से त्रिस काकरण के अनुसार उत्तर प्रदेश में सुरक्षा एवं सुशासन हेतु बहुआयामी रणनीति आवश्यक है। पुलिस व होम गार्ड में समन्वय, संयमित शक्ति प्रयोग, संवेदनशील प्रशिक्षण, प्रशासनिक पारदर्शिता, ई-गवर्नेस का विस्तार और हिंदी व स्थानीय भाषाओं के प्रयोग को बढ़ावा देकर नागरिकों को सुलभ, सम्मानजनक व भ्रष्टाचार मुक्त सेवाएं सुनिश्चित किये जाने हेतु और अधिक प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।

हरदोई से मथुरा प्रसाद मिश्र का सुझाव है कि उत्तर प्रदेश 2047 का सपना तभी साकार होगा जब विकास का लाभ हर क्षेत्र और हर वर्ग तक समान रूप से पहुँचे। संतुलित विकास का अर्थ है कि शहर और गाँव, उद्योग और कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सभी को बराबर प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए आधुनिक तकनीक, हरित ऊर्जा और बेहतर परिवहन नेटवर्क का विस्तार आवश्यक होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर, स्वच्छ पेयजल, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देना चाहिए। वहीं शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण, स्मार्ट योजनाएँ और स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित करना होगा।

लखनऊ से ज्योत्सना सिंह का विचार है कि छोटे शहरों में डिजिटल बुनियादी ढाँचे का विस्तार करने के लिए टियर-2 और टियर-3 शहरों में डिजिटल बुनियादी ढाँचे में निवेश को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इससे आईटी क्षेत्र का विस्तार महानगरीय क्षेत्रों से आगे होगा और छात्रों को अपने घर के पास ही व्यापक रोजगार अवसर प्राप्त होंगे। सरकार को एक ऐसा विशेष पोर्टल विकसित करना चाहिए, जो प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एमबीए स्नातकों के लिए नौकरी और इंटर्नशिप के अवसर सूचीबद्ध करे। इसमें आईटी प्रबंधन, परामर्श और अन्य प्रासंगिक भूमिकाओं को फ़िल्टर करने की सुविधा होनी चाहिए।