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आयकर विभाग ने जारी किया आईटीआर फॉर्म-3, बिजनेस इनकम वालों को टैक्स भरने में होगी आसानी

Jul 30, 2025

नई दिल्ली, आयकर विभाग ने बुधवार को आईटीआर फॉर्म-3 जारी कर दिया। इससे उन करदाताओं को टैक्स भरने में आसानी होगी, जिनकी आय का मुख्य सोर्स बिजनेस इनकम और शेयर ट्रेडिंग इनकम (फ्यूचर और ऑप्शन) और अलिस्टेड शेयर में निवेश से रिटर्न है। हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएल) या कोई व्यक्ति, जो बिजनेस या किसी पेशे से आय आर्जित करता है वह भी आईटीआर-3 के जरिए रिटर्न जमा कर सकता है। कंपनियों के निदेशक, जिन्होंने वित्तीय वर्ष के दौरान किसी भी समय गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में निवेश किया है, साथ ही अन्य स्रोतों या वेतन एवं पेंशन और गृह संपत्ति से आय होती है, वह इस आईटीआर फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं। पूंजीगत लाभ या विदेशी परिसंपत्तियों से अर्जित आय, व्यवसाय या पेशे से लाभ या आय प्राप्त करने वाले करदाता, जो फॉर्म आईटीआर-1 (सहज), आईटीआर-2, या आईटीआर-4 (सुगम) दाखिल करने के पात्र नहीं हैं, वे भी आईटीआर-3 का उपयोग कर सकते हैं। आयकर विभाग के मुताबिक, फॉर्म आईटीआर-3 में अब करदाताओं को यह पुष्टि करनी होगी कि क्या असेसमेंट ईयर 2024-25 (पिछले वित्तय वर्ष) में फॉर्म 10-आईईए दाखिल किया गया था, साथ ही यह भी घोषणा करनी होगी कि क्या वे वर्तमान टैक्स असेसमेंट ईयर के लिए नई टैक्स रिजीम को जारी रखना चाहते हैं या उससे बाहर निकलना चाहते हैं। पूंजीगत लाभ कर दरों में बदलाव के कारण, शेड्यूल्ड कैपिटल गेन और अन्य संबंधित धाराओं को संशोधित किया गया है। अब, करदाताओं को 23 जुलाई, 2024 से पहले और उसके बाद किए गए पूंजीगत लाभ लेनदेन की अलग-अलग रिपोर्ट करना होगा। सरकार की ओर से 2024 के बजट में सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया था। कुछ परिसंपत्तियों, जैसे इक्विटी, पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (एसटीसीजी) कर को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया था। नए पूंजीगत कर नियमों के तहत, इंडेक्सेशन लाभ प्राप्त करने के लिए करदाताओं को 23 जुलाई, 2024 से पहले हस्तांतरित किसी भी भूमि या भवन के अधिग्रहण और सुधार की लागत का विवरण अलग से प्रदान करना होगा।