
टोक्यो, टैरिफ अनिश्चितताओं और वैश्विक व्यापार व्यवस्था के पुनर्गठन के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जापान की तकनीक और भारत की प्रतिभा वैश्विक स्तर पर व्यापक तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर सकती है। जापान के महत्व की पुष्टि करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी बिजनेस लीडर्स से मेक इन इंडिया और मेड फॉर द वर्ल्ड का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने आर्थिक मंच की बैठक में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि मेरी यात्रा की शुरुआत बिजनेस जगत के दिग्गजों के साथ हो रही है। भारत की विकास यात्रा में जापान हमेशा एक प्रमुख भागीदार रहा है। मेट्रो रेल से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक, सेमीकंडक्टर से लेकर स्टार्टअप तक, हर क्षेत्र में हमारी साझेदारी आपसी विश्वास का प्रतीक बनी है।” उन्होंने कहा कि जापानी कंपनियों ने भारत में 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। मात्र पिछले दो वर्षों में 13 अरब डॉलर का निजी निवेश हुआ है। पीएम मोदी ने कहा, “पिछले 11 वर्षों में आप भारत के अभूतपूर्व परिवर्तन से भली-भांति परिचित हैं। आज, देश में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता है। भारत के कैपिटल मार्केट में अच्छे रिटर्न मिल रहे हैं। एक मजबूत बैंकिंग सेक्टर की भी मौजूदगी है। भारत वैश्विक विकास में 18 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। ” उन्होंने विकास की इस कहानी का श्रेय भारत के ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ दृष्टिकोण को दिया, जिसमें जीएसटी और आयकर सुधार शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर ध्यान केंद्रित किया है। उद्योगों के लिए हमने सिंगल डिजिटल विंडो अप्रूवल की व्यवस्था शुरू की है। हमने 45,000 अनुपालनों को रेशनलाइज किया है।”