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साल की पहली तिमाही में स्मार्टफोन की वैश्विक बिक्री में तीन प्रतिशत का उछाल

May 3, 2025

नई दिल्ली, 3 मई

वैश्विक स्मार्टफोन बाजार के राजस्व में साल 2025 की पहली तिमाही में एक साल पहले की तुलना में तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। शनिवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) सालाना आधार पर एक प्रतिशत बढ़कर 364 डॉलर पर पहुंच गया। काउंटरपॉइंट की मार्केट मॉनिटर सर्विस के हालिया रिसर्च में कहा गया है कि टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताओं के बावजूद, स्मार्टफोन बाजार ने अपनी गति बनाए रखी। मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) ने टैरिफ-संचालित संभावित चुनौतियों को कम करने के लिए चैनलों में रणनीतिक रूप से इन्वेंट्री का स्टॉक किया। वरिष्ठ विश्लेषक शिल्पी जैन ने कहा कि उत्पादन में रणनीतिक बदलावों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्षमताओं को अपनाने की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण वैश्विक स्मार्टफोन बाजार में मामूली विस्तार हुआ। जैन ने कहा कि एप्पल और वीवो के अलावा, राजस्व में वृद्धि का मुख्य योगदान शीर्ष पांच से बाहर के ब्रांड जैसे गूगल, मोटोरोला और हुआवेई का रहा। यह दूसरे ब्रांड की हाई-वैल्यू मिक्स की पेशकश करने की क्षमता और मौजूदा प्रीमियमाइजेशन ट्रेंड में उनकी बढ़ती भूमिका का संकेत देता है।

एप्पल के आईफोन के औसत विक्रय मूल्य (एएसपी) में सालाना आधार पर नौ प्रतिशत की गिरावट के बावजूद, ब्रांड का राजस्व अप्रभावित रहा। शीर्ष पांच ब्रांड में एप्पल की वृद्धि सबसे तेज रही, जो इसके शिपमेंट में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की शानदार वृद्धि के कारण हुई। तिमाही के दौरान आईफोन 16ई के लॉन्च ने शिपमेंट वृद्धि को बल दिया, लेकिन एएसपी पर दबाव डाला। शोध निदेशक जेफ फील्डहैक ने कहा कि यह एक स्मार्ट कदम साबित हुआ और तिमाही में एप्पल के लिए मददगार रहा। शिपमेंट के मामले में सैमसंग ने वैश्विक स्मार्टफोन बाजार में अपना दबदबा बनाए रखा, हालांकि इसके राजस्व पर असर पड़ा क्योंकि इसके पोर्टफोलियो में मूल्य पेशकशों के बढ़ते मिश्रण के कारण एएसपी में सालाना आधार पर सात प्रतिशत की गिरावट आई। रिपोर्ट के अनुसार, भारत जैसे बाजारों में अपने मजबूत प्रदर्शन के कारण विवो राजस्व के मामले में वृद्धि दर्ज करने में सफल रही। रिपोर्ट में कहा गया है, “हम उम्मीद करते हैं कि 2025 में वैश्विक स्मार्टफोन बाजार में थोड़ी गिरावट आएगी क्योंकि टैरिफ से जुड़ी बाजार और आपूर्ति श्रृंखला अनिश्चितताओं के कारण उपभोक्ता भावनाओं और व्यापक आर्थिक संकेतकों में गिरावट आएगी।”