
बेंगलुरु, 4 मई
चेन्नई सुपर किंग्स के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने माना है कि डेवाल्ड ब्रेविस से जुड़ा डीआरएस (रिव्यू) चूकना मैच का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। सीएसके को इस रोमांचक मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के हाथों दो रनों से हार का सामना करना पड़ा। चेन्नई सुपर किंग्स और आरसीबी के बीच खेले गए मैच के अंतिम ओवरों में एक बड़ा डीआरएस विवाद तब हुआ जब डेवाल्ड ब्रेविस के पास एलबीडब्ल्यू के फैसले का रिव्यू करने का समय नहीं था। सीएसके 214 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी।
मैच के 17वें ओवर की तीसरी गेंद पर एनगिडी की फुल टॉस गेंद ब्रेविस के पैड पर लगी। अंपायर ने तुरंत आउट दे दिया। हालांकि, टीवी रिप्ले में साफतौर पर दिखाई दिया कि गेंद लेग स्टंप को मिस कर रही थी। आमतौर पर स्क्रीन और स्टेडियम के डिस्पले बोर्ड पर 15 सेकंड का टाइमर शुरू हो जाता है। जिसमें बल्लेबाज के पास डीआरएस लेने का मौका होता है। लेकिन, इस दौरान ऐसा नहीं हुआ। इस पर जडेजा और ब्रेविस की मैदानी अंपायर नितिन मेनन और मोहित कृष्णदास के साथ बहस हो गई। आखिरकार ब्रेविस को पहली गेंद पर शून्य पर आउट होकर वापस लौटना पड़ा। सीएसके के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने कहा कि मैच के दौरान वह एक महत्वपूर्ण पल था। क्योंकि, हमने दो गेंदों में दो विकेट गंवा दिए। हम मैच में बने हुए थे और लगा रहा था कि हम आसानी से टारगेट चेज कर लेंगे। यह मैच का एक बड़ा क्षण था। ब्रेविस ने समय पर रिव्यू लिया था या नहीं, मुझे ये नहीं पता। जिस वक्त उन्हें आउट करार दिया था वह पिच पर रन के लिए दौड़ रहे थे। उन्होंने कहा, “जैसे ही आपको आउट दिया जाता है, टाइमर शुरू हो जाता है। हालांकि, खेल को अभी भी पूरा होने में काफी समय लग गया था, और क्या उनके पास डीआरएस लेने के लिए समय समाप्त हो गया था। अंपायर के अनुसार, समय समाप्त हो गया था।”