
टोक्यो, उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच खास रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं। साने ताकाइची को मंगलवार को जापान की संसद में एक अहम चुनाव के बाद प्रधानमंत्री चुना गया। यह चुनाव पुनः मतदान के जरिए हुआ था, जिसमें वह जीतकर जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। यह एक ऐतिहासिक पल माना जा रहा है क्योंकि जापान की राजनीति में पहली बार किसी महिला को यह पद मिला है। जापान की संसद के दो सदन होते हैं, उच्च सदन और निचला सदन। दोनों सदनों ने ताकाइची को बहुमत के साथ प्रधानमंत्री चुना है। उच्च सदन में उन्हें 125 वोट मिले, जो जरूरी बहुमत से केवल एक वोट ज्यादा था। निचले सदन में उन्हें 237 वोट मिले, जो जरूरी बहुमत से अधिक था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए ताकाइची को जीत की बधाई दी और कहा, ”साने ताकाइची, जापान की प्रधानमंत्री चुने जाने पर आपको हार्दिक बधाई। मैं भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं। हमारे गहरे होते संबंध हिंद-प्रशांत और उसके बाहर शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं।” साने ताकाइची का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। वह पहले एक टीवी एंकर थीं और 1993 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जापान की निचली संसद की सदस्य बनीं। तब से वह लगातार राजनीति में सक्रिय रही हैं और अपने गृह क्षेत्र नारा का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। 1996 में ताकाइची ने जापान की सत्ताधारी पार्टी, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) में शामिल होकर राजनीतिक मजबूती हासिल की। उनका कैबिनेट में पहला प्रवेश पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के नेतृत्व में हुआ था। तब वह ओकिनावा और उत्तरी क्षेत्रों के मामलों की मंत्री थीं। बाद में वह एलडीपी की नीति अनुसंधान परिषद की पहली महिला अध्यक्ष बनीं, जो उनके नेतृत्व कौशल का सबूत है। 2022 से 2024 तक ताकाइची जापान की आर्थिक सुरक्षा मंत्री रहीं। इसके अलावा, वह आंतरिक मामलों की मंत्री के तौर पर सबसे लंबे समय तक काम करने वाली मंत्री हैं। ताकाइची लंबे समय से एलडीपी की एक प्रभावशाली आवाज रही हैं। उन्हें शनिवार को 185 वोट मिलने के बाद एलडीपी का नेता चुना गया। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी शिंजीरो को हराया, जिन्हें 156 वोट मिले। यह चुनाव काफी प्रतिस्पर्धात्मक था क्योंकि पहले राउंड में किसी उम्मीदवार को जरूरी बहुमत नहीं मिला था। अब साने ताकाइची को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के कार्यकाल के बाकी बचे हिस्से को पूरा करना होगा, जो सितंबर 2027 तक चलेगा। ताकाइची के समर्थन में पार्टी के 20 सांसदों में से एक और पूर्व न्याय मंत्री मिडोरी मात्सुशिमा ने कहा कि यह एक खुशी की बात है कि जापान को पहली महिला प्रधानमंत्री मिल रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कई युवतियों और उन लोगों के लिए प्रेरणा बनेगा जो राजनीतिक परिवार से नहीं आते और जिनका राजनीति से कोई वास्ता नहीं रहा। जापान आर्थिक मंदी, बढ़ती महंगाई और मुद्रा येन के मूल्य में गिरावट जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। इन चुनौतियों ने जनता पर दबाव बढ़ाया है और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की हाल की चुनाव हारों ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे समय में, एलडीपी के सामने बड़ी जिम्मेदारी है कि वे पार्टी को एकजुट रखें, अल्पसंख्यक सरकार का कुशलता से संचालन करें और जनता को विश्वास दिलाएं कि वे स्थिर और प्रभावी शासन प्रदान कर सकते हैं।