• Mon. Sep 15th, 2025

MKN NEWS

NIRBHIK SACH KE SATH SACH KI BAAT

प्रधानमंत्री मोदी की सलाह ने बदली असम की तस्वीर, केंद्रीय मंत्री ने सुनाया दिलचस्प किस्सा

Sep 15, 2025

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 सितंबर को असम के दौरे पर थे। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने याद दिलाया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव से असम में वृक्षारोपण अभियान शुरू हुआ। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मोदी स्टोरी पेज का एक वीडियो शेयर किया है। उन्होंने कहा कि 2016 में असम के मुख्यमंत्री के रूप में अपना पहला वर्ष पूरा करने के बाद मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुवाहाटी में एक विशाल जनसभा में आमंत्रित किया। माहौल उत्साह से भरा था। हजारों लोग इकट्ठा हुए थे, ऊर्जा अद्भुत थी और मैं मंच पर उनके ठीक बगल में बैठा था। उन्होंने कहा कि जब एक वक्ता भीड़ को संबोधित कर रहा था, तब पीएम मोदी का ध्यान कहीं और चला गया। उन्हें भीड़ के पीछे फूलों से लटा एक पेड़ दिखा। उन्होंने उस पेड़ की ओर इशारा करते हुए मुझसे धीरे से पूछा, “यह कौन सा पेड़ है?” मैंने उन्हें बताया कि यह कृष्ण चूड़ा है, जो अपने ज्वलंत फूलों के लिए जाना जाता है। उनकी जिज्ञासा जारी रही। वह जानना चाहते थे कि ऐसे पेड़ आमतौर पर कहां उगते हैं। मैंने बताया कि ये पूरे असम में पाए जा सकते हैं। सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि वही वह क्षण था जब उनकी दूरदर्शी प्रवृत्ति जागृत हुई। उन्होंने कहा, “आप पूरे राज्य में कृष्ण चूड़ा के और पेड़ क्यों नहीं लगाते? कल्पना कीजिए कि असम पूरी तरह खिल रहा है, दुनिया भर से लोग इसकी सुंदरता देखने आएंगे। यह न सिर्फ आपकी पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि ये शब्द एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुए। उनके प्रोत्साहन से हमने 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखते हुए एक महत्वाकांक्षी वृक्षारोपण अभियान शुरू किया। मेरे कार्यकाल में ही हमने 9.5 करोड़ पेड़ लगाए। जल्द ही यह प्रयास एक जन-आंदोलन में बदल गया। जन्मदिन, त्योहार और विशेष अवसर सभी पेड़ लगाने के अवसर बन गए। प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव से शुरू हुआ यह कार्य पूरे असम में एक सांस्कृतिक आदत बन गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरे लिए यह मेरे जीवन के सबसे यादगार पलों में से एक था। इसने दिखाया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पैनी नजर एक साधारण अवलोकन को एक दृष्टि में और एक दृष्टि को एक जन-आंदोलन में बदल सकती है, जिसने असम को एक नई पहचान दी।