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पीएम मोदी ने प्रमिला ताई मेढ़े के निधन पर जताया दुख, कहा- हमेशा याद रहेगा उनका योगदान

Jul 31, 2025

नई दिल्ली, राष्ट्र सेविका समिति की पूर्व प्रमुख संचालिका प्रमिला ताई मेढ़े का 97 वर्ष की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में उनके अमूल्य योगदान को सदैव याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका रहीं श्रद्धेय प्रमिला ताई मेढ़े के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उनका संपूर्ण जीवन समाज और राष्ट्र सेवा को समर्पित रहा। महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में उनके अमूल्य योगदान को सदैव याद किया जाएगा। ईश्वर शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और प्रशंसकों को संबल प्रदान करे। ओम शांति!” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रमिला ताई मेढ़े के निधन पर दुख जताया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “राष्ट्रीय सेविका समिति की प्रमुख संचालिका श्रद्धेय प्रमिला ताई मेढ़े का निधन सभी समाजसेवियों के लिए बहुत बड़ी क्षति है। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। प्रमिला ताई आजीवन राष्ट्रसेवा और नारी शक्ति के सशक्तीकरण हेतु समर्पित रहीं। उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय सेविका समिति जनकल्याण का पर्याय बनीं। उनके सेवा कार्य और समाज के उत्थान का संकल्प आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणीय हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रमिला ताई मेढ़े को श्रद्धांजलि अर्पित की। संघ के आधिकारिक एक्स हैंडल पर कुछ तस्वीरें भी शेयर की गईं, जिसमें मोहन भागवत उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देते हुए दिखाई दे रहे हैं। संघ प्रमुख ने कहा, “राष्ट्र सेविका समिति की भूतपूर्व प्रमुख संचालिका प्रमिला ताई मेढ़े के परलोक गमन से हम सभी लोगों के सर पर से एक मातृवत छत्र हट गया है। उनके निधन से लगभग समिति की स्थापना काल से आज तक की उनकी दीर्घ तपस्या की पूर्णता हो गई है। लक्ष्य की अचूक समझ व निष्ठा, कार्य वृद्धि के लिए सातत्यपूर्ण कठोर परिश्रम तथा व्यवहार में आत्मीयता का वे मूर्तीमंत उदाहरण थीं। राष्ट्र सेविका समिति के कार्ययज्ञ में अपनी जीवन समिधा अर्पित कर अंततोगत्वा उन्होंने मरणोपरांत देहदान संकल्प से अपने देह का भी समर्पण कर दिया। उनकी तपस्या के कारण उनकी सद्गति तो सुनिश्चित है। उनके बिना ध्येय पथ पर आगे बढ़ने का धैर्य हम सभी को मिले, यही ईश चरणों में प्रार्थना।”