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प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की, दीपावली की शुभकामनाएं दीं

Oct 21, 2025

दीपावली के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की है। इस शिष्टाचार भेंट के दौरान प्रधानमंत्री ने दीपावली की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार शाम को राष्ट्रपति भवन पहुंचे और द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से पोस्ट किया, जिसमें लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और दीपावली की शुभकामनाएं दीं।”

इसके बाद, वे उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मिलने पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने पूजा-अर्चना भी की। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “उपराष्ट्रपति आवास पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने और उनसे मिलकर व दीपावली की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करके मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई।” इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने आईएनएस विक्रांत पर जवानों के साथ दीपावली का जश्न मनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्र पर सूर्य की रोशनी की चमक, दीपावली के दौरान वीर सैनिकों की ओर से जलाए गए दीपों की तरह है, जो दीपों की एक दिव्य माला बनाती है। उन्होंने कहा कि मेरा यह सौभाग्य है कि मैं भारतीय नौसेना के वीर जवानों के बीच यह दिवाली मना रहा हूं। आईएनएस विक्रांत पर बिताए समय को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस अनुभव को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि समुद्र में गहरी रात और सूर्योदय ने इस दिवाली को कई मायनों में यादगार बना दिया। आईएनएस विक्रांत से प्रधानमंत्री ने देश के सभी 140 करोड़ नागरिकों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। आईएनएस विक्रांत को राष्ट्र को सौंपे जाने के क्षण को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “विक्रांत एक युद्धपोत नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत की कड़ी मेहनत, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।” उन्होंने याद दिलाया कि जिस दिन राष्ट्र को स्वदेश निर्मित आईएनएस विक्रांत प्राप्त हुआ, उसी दिन भारतीय नौसेना ने औपनिवेशिक विरासत के एक प्रमुख प्रतीक का त्याग कर दिया था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित होकर, नौसेना ने एक नया ध्वज अपनाया।