
नई दिल्ली: 2001 के संसद हमले में जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों को उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अलावा कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। संसद हमले की बरसी पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “आंखें नम हो जाती हैं। आज वह दिन है, जब संसद पर हमला हुआ था और हमारे बहादुर जवान शहीद हुए थे। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी यहां मौजूद थे। तमाम मंत्री, सांसद, सैनिक, अर्धसैनिक बल और शहीदों के परिवारों से भी मिले हैं। वह दर्द समझ में आता है। हम शपथ लेते हैं कि आतंकी जड़ों को समाप्त करेंगे।”
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, “आज संसद के इतिहास में बहुत दुखद दिन है। उस दिन मैं भी संसद में मौजूद था, जब आतंकवादियों ने हमला किया था। बहुत बड़ा मकसद था। हमारे सुरक्षा बलों की सराहना करनी होगी कि संसद के स्टाफ ने भी मुकाबला किया और आतंकवादियों को धराशायी कर दिया। यह लोकतंत्र पर हमला करने का प्रयास था। इसी दिन सभी दलों के नेता श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं। आतंकवाद की हमें निंदा करनी है। लोकतंत्र पर हमले के प्रयास की हमेशा के लिए निंदा करनी है।” भाजपा सांसद बृज लाल ने कहा कि आज ही के दिन संसद भवन पर हमला हुआ था, जिसमें हमारे नौ जवान शहीद हो गए थे। आज हमने उन्हें श्रद्धांजलि दी और याद किया। आतंकवादियों ने हमारे सांसदों को खत्म करने की साजिश रची थी, लेकिन हमारे सुरक्षाबलों ने कड़ा मुकाबला किया। बलिदान देकर सांसदों की सुरक्षा की। बदला अभी पूरा नहीं हुआ है। अजहर मसूद के लोगों को ऑपरेशन सिंदूर में मार गिराया गया। 2001 के संसद आतंकी हमले में शहीद हुए एक जवान के परिवार के सदस्य ने कहा कि हमें बहुत खुशी होती है कि पूरा देश उन्हें याद करता है। एक सुरक्षाकर्मी के परिवार के सदस्य ने कहा कि हमें फोन आया था कि संसद में आतंकवादी हमला हुआ है और उन्हें गोली लगी है, लेकिन हमें सही हालत नहीं पता थी। हमें बहुत गर्व है कि उन्होंने देश की संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान दे दी।
